Chandrayaan-2के बारे में सारी जानकारी क्यों हुआ असफल चंद्रयान-2
चंद्रयान 2 क्या है इसे कब लांच किया गया?
चंद्रयान-2 मिशन का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा की दक्षिणी पोल के पास स्थित विमानन संरचना विक्रम को सफलतापूर्वक स्थापित करना है। इसके साथ ही, मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर प्राकृतिक संसाधनों की खोज और वैज्ञानिक अध्ययन करना भी है!
गौरतलब है कि भारत द्वारा चंद्रयान -1 के बाद अपने दूसरे चंद्र अन्वेषण मिशन ‘चंद्रयान-2’ को 22 जुलाई, 2019 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था।
चंद्रयान-2 को किस लिए भेजा गया था:
चंद्रयान-2 मिशन के लिए विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर स्थापित करने का प्रमुख उद्देश्य है। इसके अलावा, इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर प्राकृतिक संसाधनों की खोज और वैज्ञानिक अध्ययन करना भी है। इस मिशन के माध्यम से, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा की सतह पर प्रकृति, जल, खनिज, गतिविधि, और वायुमंडल के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन करने का प्रयास कर रहा है।
चंद्रयान 2 की स्पीड बता दें :- कि शुरुआत में चंद्रयान को 36000 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से थ्रस्ट किया गया था, फिर ऑर्बिट स्पीड 6000 किलोमीटर प्रति घंटा थी. अब लैंडिंग के वक्त ये स्पीड 10.8 किलोमीटर प्रति घंटा या ≤ 3.0 m/sec होना जरुरी है, जिसके बाद ही अच्छे से लैंडिंग हो पाएगी!
Chandrayaan-2 के लिए कितना पैसा खर्च हुआ
इसी तरह 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 पर कुल खर्च 978 करोड़ रुपये का खर्च आया था। अमेरिका ने अपना लूनर मिशन साल 1960 में शुरू किया था। तब उसके मिशन का कुल खर्च 25.8 अरब डॉलर था।
चंद्रयान-2 को बनाने में निम्नलिखित वैज्ञानिकों ने भूमिका निभाई:
1. के. शीवन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख वैज्ञानिक
2. वी. के. सरवटे, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
3. सुनीता वी. विलास, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
4. आर. चिदंबरम, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
5. मी. वी. आनंद, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
6. सुरेंद्रनाथ, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
7. रामकृष्णन, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
8. पी. सुब्रह्मण्यन, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
9. रामनाथन, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
10. एस. आर. वेंकटाचलपति, ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक
इसके अलावा, अन्य संगठनों, विश्वविद्यालयों, और अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों ने भी इस मिशन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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| चन्द्रयान-द्वितीय (लैण्डर एवं ऑर्बिटर का सम्मिलित रूप) |
चंद्रयान-2 मिशन क्यों असफल रहा इसका क्या कारण था?
चंद्रयान 2 सफल क्यों नहीं हो पाया
चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर फिक्स 55 डिग्री के बजाय 410 डिग्री तक झुक गया था. चंद्रमा की कक्षा में यह स्थापित होने से पहले ही संपर्क से बाहर हो गया. विक्रम से इसरो का संपर्क तब टूट गया जब वह लैंडिंग सतह से महज 400 मीटर की दूरी पर था. चंद्रयान 2 चंद्र मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना
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| Chandrayaan-2 3D module |
FAQ
Qustion1- Chandrayaan-2 failure date?
Answer- 6 September 2019.
Qustion-2 Chandrayaan-2 orbiter name?
Answer- It consists of a lunar orbiter, and formerly included the Vikram lander and the Pragyan rover, all of which were developed in India.
Qustion-3 Chandrayaan-2 launch vehicle?
Answer- LVM3-M1 rocket






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